*हवाएँ हो गई है सर्द*..
*आओ धूप में कुछ पल*
*बिता लें*
*कहें कुछ अपने मन की*
*रिश्तों पर जमी बर्फ*
*पिघला लें ।।*
*चटक से तोड़ें मूंगफली*
*फैलायें छिलके छत पर*
*कुछ दाने खा लें ।।*
*अवसाद भरे*
*जीवन की दौड़ धूप में*
*थक से गये हो*
*कुछ देर सुस्ता लें।।*
*बातों के तिल का*
*ताड़ नही*
*तिल में थोड़ा*
*गुड़ मिला लें*
*खाएं गजक*
*वाणी में थोड़ी*
*मिठास बना लें ।।*
*व्यवहार की चादर में*
*अहम की सीलन है*
*दबी रजाई में*
*ईर्ष्या की दुर्गन्ध है*
*इन्हें खोलें..ज़रा*
*धूप लगा लें ।।*
*...... हवाएँ हो गई है सर्द*
*आओ धूप में कुछ पल*
*बिता लें।।*