प्रदेश सरकार की कोशिश को लगा झटका

प्रदेश सरकार की कोशिश को लगा झटका


देहरादून राष्ट्र सन्त संवाददाताः लॉकडाउन के चौेथे चरण में चार धाम सहित पर्यटन गतिविधियों को शुरू करने की प्रदेश सरकार की कोशिश को भी झटका लगा है। प्रदेश सरकार को उम्मीद थी कि देव स्थानों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए स्थानीय स्तर पर आवाजाही में कुछ हद तक छूट मिलेगी। केंद्रीय गृह मंत्रलय की ओर से जारी गाइडलाइन में इस तरह की गतिविधियों को 31 मई तक प्रतिबंधित ही रखा गया है। इसके बाद अब सरकार के पास अर्थव्यवस्था केे पटरी पर लाने के लिए एमएसएमई सेक्टर को अधिक से अधिक प्रमोट करने का ही विकल्प बचा है।


प्रदेश में चार धाम यात्र को करीब 12 हजार करोड़ रुपये की मानी जाती है। इसी पर होटल, टूर ऑपरेटर्स, परिवहन के साथ ही प्रदेश में कई छोटे-मोटे रोजगार भी निर्भर हैं। यही हाल पर्यटन व्यवसाय का भी है। इको टूरिज्म से लेकर साहसिक ऽेलों, पर्वतारोहण, एंगलिंग, सफारी आदि पर ताला लगने से प्रदेश सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है और कई लोगों की आजीविका खतरे में है। नई गाइडलाइन में स्पष्ट कर दिया गया है कि धार्मिक कार्यों के लिए लोगों को एक स्थान पर जमा नहीं होने दिया जाएगा। इससे प्रदेश में कई मेलों पर भी तालाबंदी है। तीन माह तक चलने वाला पूर्णागिरी मेला पूरी तरह से ठप है। इन मेलों पर स्थानीय लोगों की आजीविका भी निर्भर है।
लॉकडाउन में सार्वजनिक यात्री वाहनों के संचालन की सरकार कुछ शर्तों के साथ अनुमति दे सकती है। यात्री वाहनों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य किया जाएगा। कम यात्री होने की वजह से यात्री वाहनों को नुकसान हो सकता है। इसलिए यात्रियों की संख्या को सीमित करने के साथ ही किराए की दरों में अस्थाई वृद्धि भी हो सकती है। कुछ राज्यों ने किराए की दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव भी तैयार किए हैं।